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चकरनगर – सास बनकर दिवंगत फौजी गंगाराम सिंह रजावत की सालों से पेंशन ले रही उसकी बहू विद्यावती समेत छह लोगों के खिलाफ चकरनगर थाना पुलिस ने मंगलवार को धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उन्हें प्रयोग करने व अमानत में खयानत की धारा में रिपोर्ट दर्ज की।
इसके बाद विद्यावती को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मामले में आरोपी अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।
थानाध्यक्ष मदन गोपाल गुप्ता ने बताया कि विद्यावती के बैंक खाते व पेंशन के दस्तावेजों का मिलान करके आरोपी से सेना के धन की वसूली की जाएगी। विद्यावती ने भारतीय सेना से वर्ष 2004 से 2018 तक पेंशन ली है।
सहसों थाना क्षेत्र के सिंडोस गांव निवासी फौजी गंगाराम की पत्नी शकुंतला देवी उर्फ शांति बाई की काफी पहले मौत हो गई थी। वर्ष 1985 में गंगाराम की भी मौत हो गई।
उसने 16 वर्षों तक गंगाराम की पत्नी बनकर करीब 15 लाख रुपये पेंशन के तौर पर लिए, जिन्हें धखाधड़ी में शामिल साथियों के साथ आपस में बांट लिए।
हाईकोर्ट में दर्ज कराए गए विद्यावती के बयानों और उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस यह कार्रवाई की है। मामले के विवेचक दरोगा रामबली सिंह यादव ने बताया कि बैंक के अभिलेखों मिलान करने पर जानकारी हुई कि लगभग 15 लाख रुपए पेंशन के तौर पर विद्यावती ने लिए हैं।
इसकी रिकवरी की जाएगी। साथ ही कूटचरित्र प्रमाण पत्र और विद्यावती का जीवित प्रमाण पत्र तैयार करने व गवाही देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक सास व ससुर की मौत के बाद विद्यावती ने वर्ष 2004 में फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। इसके बाद वह दस्तवेजों में सास शकुंतला बन गई। उसने कुछ लोगों की मदद से फर्जी दस्तावेज के सहारे सास ने नाम पर ससुर की पेंशन लेना शुरू कर दी।
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