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इटावा। इटावा से सैफई जाते समय पूर्व सीएम रेलवे स्टेशन पर रुके। वहां प्रसिद्ध घोड़ा चाय की दुकान पर चाय पी। साथ ही खीर का स्वाद भी चखा। महावीर स्वीट हाउस पर जाकर लस्सी पी। इस दौरान सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और राजधानी लखनऊ में अपराधी बेलगाम हैं।
मुख्यमंत्री इन सबसे बेखबर पश्चिम बंगाल और असम में कानून व्यवस्था सुधारने में व्यस्त हैं। भाजपा का यही तरीका है कि वह जनता का बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जादुई जुमले उछालने लगती है। जनता झूठों को 2022 के चुनावों में सबक सिखाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री बुधवार की दोपहर सैफई अपने घर पहुंचे। शाम को वह छिपैठी में मुलायम सिंह यादव के सहयोगी फत्तू राम के घर गए। फत्तूराम के भाई पेशूराम की पत्नी मीरा के निधन पर शोक जताया। अखिलेश ने कमिश्नर प्रणाली लागू कर कानून व्यवस्था दुरुस्त करने का भाजपा सरकार का दावा हास्यास्पद बताया।
कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार वैसे ही होगा जैसे ताली और थाली बजाकर कोरोना से निपटा गया था। उनके साथ सपा जिला अध्यक्ष गोपाल यादव, पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद समेत कई सपा नेता मौजूद रहे। वहीं, टिकरी बार्डर के लोग सैफई के पॉवर कारपोरेशन गेस्ट हाउस में अखिलेश यादव से मिले।
ममता के पक्ष में उतरे अखिलेश
ममता के व्हील चेयर को नाटक बताने को लेकर कहा कि भाजपा से ज्यादा नाटक अभी तक किसी ने नहीं किया। इटावा के हमारे शेर ले जाकर अपनी शान बढ़ा रहे हैं।
तुम भी ठोंक दिए जाओगे
पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि चुनाव न हो। उत्तर प्रदेश में सच दिखाने वालों के खिलाफ ठोकों नीति चल रही है, जो सच दिखाएगा वो ठोंका जाएगा।
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