निजी स्कूल व अभिभावक इसके फायदे और नुकसान को लेकर बैठे हुए हैं।
लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने से निजी स्कूल व अभिभावक इसके फायदे और नुकसान को लेकर बैठे हुए हैं ।कई स्कूलों के प्रिसिपल व अध्यापक इन कक्षाओं के फायदे गिनाते हुए भविष्य की तैयारियों के लिए जरूरी बता रहे हैं ।वहीं अभिभावक इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बता रहे हैं ।अभिभावकों का कहना है कि इन कक्षाओं के लिए बच्चे फिलहाल तैयार नहीं है ।कई अभिभावक इसके लिए जरूरी समाधान नहीं जुटा पा रहे हैं ।
स्कूल बता रहे हैं फायदे
* बच्चों में पढ़ाई की आदत नहीं छूटी।
* ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों ने तकनीक का इस्तेमाल करने का नया तरीका सीखा ।
* लॉक डाउन के दौरान सिलेबस को पूरा करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जरिया बनी ।
* शिक्षा प्रणाली की नई नीति पर बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए खुद को ढाल रहे हैं ।
* अभिभावकों के सामने ही चल रही ऑनलाइन कक्षाओं से वह भी बच्चों का आंकलन कर पा रहे हैं ।
अभिभावकों ने गिनाए कई नुकसान
* स्कूल जैसा माहौल ना होने के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता ।
* ऑनलाइन कक्षाएं स्कूल की तरफ से फीस लेने का जरिया
* नेटवर्क संबंधी समस्याओं से बच्चों को होती है परेशानी ।
* प्रयोगात्मक पढ़ाई के लिए सफल नहीं हो पा रही ऑनलाइन कक्षा
* अभिभावकों का बच्चों के साथ होने की अनिवार्यता से अभिभावकों का होता है समय बर्बाद ।
समस्याएं
* ऑनलाइन कक्षा में प्रैक्टिकल नहीं करवा सकते ।
* ज्यादातर गांवों के बच्चों के पास यह सुविधा नहीं है
* अध्यापकों तथा बच्चों के बीच समन्वय की कमी ।
* कई एप पर बच्चों के जुड़ने की संख्या सीमित ।
समाधान
* जिनके पास साधन नहीं है ,उन्हें सुविधा दी जाए ।
* अध्यापकों को ऑनलाइन कक्षाओं संबंधी ट्रेनिग दी जाए ।
* स्कूलों व कालेजों में सिस्टम बना कर यह कक्षाएं जरूरी की जाए।
* पढ़ने और पढ़ाने से पहले अध्यापक व बच्चे दोनों तैयार होकर आएं ।